BBC News ने अपनी एक पोस्ट में कहा - भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के साथ ही भारत के लगभग 20 करोड़ मुसलमानों के लिए उथल-पुथल की शुरुआत हो गई


वैसे तो बीबीसी का कोई ही ऐसा दिन गुजरा होगा जब इन्होने भारत पर ऊँगली न उठाई हो, इस बार फिर ठीक इलेक्शन के वीच बीबीसी न्यूज़ यह दावा किया है की भारत में मुसल्मान समुदाय डर कर भारत में रह रहा है. 

बीबीसी न्यूज़ ने अपनी एक पोस्ट में यह टाइटल लिखा, कि "अपने ही देश में 'अदृश्य', भारत में मुसलमान होने के मायने" और इसमें एक भावुक करने वाली कहानी का ज़िक्र किया. यह कहानी 9 साल के बच्चे से शुरू की जाती है, जिसको स्कूल में कुछ बच्चों द्वारा आतंकवादी कह कर चिडाया जाता है. इसके बारे में वह बच्चा अपनी अम्मी रीमा अहमद को बताता है, जिसके कारण उसकी अम्मी उसको स्कूल से हटवा कर घर पर पढ़ाना शुरू करती है.

रीमा अहमद बताती है कि, "उस दिन अपने बच्चे के अनुभव से मैंने ये महसूस किया कि देश का मुस्लिम समुदाय किस डर से गुजर रहा है. मैंने बचपन में या बड़ा होते ऐसा कभी महसूस नहीं किया था." 2014 में नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के साथ ही भारत के लगभग 20 करोड़ मुसलमानों के लिए उथल-पुथल की शुरुआत हो गई थी.

रीमा अहमद ने कहा भारत के कुछ हिस्सों में गोरक्षकों ने मवेशी कारोबारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था. उस दौरान मुस्लिमों के काम-धंधों को निशाना बनाया गया. छोटे-मोटे कारोबार करने वाले मुस्लिमों की दुकानों पर हमले किए गए. मस्जिदों के ख़िलाफ़ याचिकाएं दायर की गईं. इंटरनेट पर ट्रोलिंग करने वालों ने मुस्लिम महिलाओं की बोलियाँ लगाई

ये सब पढ़कर मन में ये विचार आता है कि किस तरह एक समुदाय के लोगों के दिल और दिमाग में ये नफरत भरी जा रही है कि भारत में मुस्लिम की कोई एहमियत नहीं रही - आगे भी पढ़ें रीमा अहमद ने बीबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट में क्या क्या कहा -

रीमा  अहमद ने कहा दक्षिणपंथी संगठनों और मुख्यधारा के मीडिया के एक हिस्से ने ‘लव जिहाद’ जैसे जुमलों और जिहाद के आरोपों के ज़रिए इस्लामोफ़ोबिया को हवा दी.

मुस्लिम पुरुषों और हिंदू महिलाओं की शादी को ‘लव जिहाद’ कहा जाने लगा. ये आरोप लगाए जा रहे थे कि मुस्लिम युवक हिंदू युवतियों को ‘प्रेम जाल’ में फंसा कर उनसे शादी कर रहे हैं और जबरन धर्म परिवर्तन करा रहे हैं.

हाल के कुछ वर्षों में हेट स्पीच के मामले भी बढ़े हैं. ऐसे 75 फीसदी मामले बीजेपी शासित राज्यों में हुए हैं.

‘बीइंग मुस्लिम इन हिंदू इंडिया’ नाम की किताब के लेखक ज़िया उस्सलाम कहते हैं, "भारत में मुस्लिम दूसरी श्रेणी के नागरिक बन गए हैं. अपने ही देश में वो अदृश्य अल्पसंख्यक बन गए हैं."

लेकिन बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं मानते कि देश के अल्पसंख्यकों के साथ बुरा बर्ताव हो रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों ‘न्यूज़वीक’ पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "इस तरह की बातें वो करते हैं जो अपने बुलबुले से बाहर जाकर लोगों से मिलने की जहमत नहीं उठाते. यहां तक कि अब भारत के अल्पसंख्यक भी इस नैरेटिव को नहीं मानते."

आगे भी इन्होने बहुत गंभीर इल्जाम नरेन्द्र मोदी पर लगायें हैं, अब बीबीसी न्यूज़ के इस आर्टिकल का क्या उदेश्य है ये तो भली भांति समझ आता है, अब इसका असर इलेक्शन पर कितना पड़ेगा ये तो वक्त ही बतायेगा

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